मेरे देश में तरह-तरह के बम

दीपावली से पहले के धमाकों के जख्मों को देश अभी इस दीपावली की परंपरागत खुशी के मरहम से भर भी नहीं पाया था कि इसके तीसरे ही दिन असम दहल उठा। 13 धमाके, 70 से अधिक मौतें व 470 से अधिक जख्मी लोग। मैं छुट्टी में अपने घर पर था। इसलिए, तब सीधीबात के जरिये अपनी संवेदना नहीं प्रकट कर सका। पर सच मानिए, अपने देश की दशा पर दुःख बहुत हुआ। आज ही लौटा हूं, भोपाल। मेरे साथी मीतेन्‍द्र नागेश ने देश की दशा पर कुछ अलग ही तरह से विचार व्यक्त किया है, जो वाकई में हमें सोचने पर मजबूर करता है।......

एक बंटवारा आज़ादी के समय हुआ था। विभाजन का दंश क्या होता है? यह कम से कम वे लोग तो नहीं बता सकते, जो भौतिकरूप से इससे दूर रहे हों या कहें विभाजन से सीधेतौर पर प्रभावित न हुए हो। इस दर्द को तो भलीभांति वही जानते हैं, जिनके सीने पर सरहद की लकीर खींच दी गई। घर छूटा, अपने छूटे और जन्मभूमि पराई हो गई। अखण्ड भारत खंडित हो गया। हालांकि बाद में सरदार पटेल जैसे नेताओं ने अनेक देशी रियासतों को समेटकर एक नया भारत बनाया। जिसे पूरी तरह अखंड तो नहीं कहा जा सकता, लेकिन इसके करीब तो है ही।
लेकिन उस बंटवारे को बीते अभी महज साठ साल ही हुए हैं कि अब भारत फिर से बंटवारे की दहलीज पर खड़ा दिखने लगा है। ये बंटवारे कई तरह के हैं। हम धर्मों में बंट रहे हैं। हम जातियों में बंट रहे हैं। हम क्षेत्रों में बंट रहे हैं। और इस तरह हम बंटवारे की घटिया राजनीति के शिकार होते जा रहे हैं। क्या हम आज यह कहने की स्थिति में हैं कि ‘हम सब एक हैं, हमारा भारत एक है।’ क्या यह वाक्य केवल एक नारा बनकर नहीं रह गया है?

मेरे देश में मिलेंगे तरह-तरह के बम
दाढ़ी वाले बम, चोटी वाले बम।
कार वाले बम, हार वाले बम।
मानव बम, मुर्दा बम।

मेरे देश में मिलेंगे कई भाषा, धर्म व क्षेत्र के बम
मराठी बनाम हिन्दी, हिन्दू बनाम मुस्लिम/ईसाई बम, तो
जेहादी बनाम काफिर, पाक बनाम भारत बम

मेरे देश में मिलेंगे कई वाहनों में बम
ट्रेन में, बस में, मोटरसाइकिल में तो,
साइकिल में, यहां तक कचरे के डब्बों में।

इन बमों को तो पहचान लेते हैं हम पर,
उनका क्या, जो दिलों में बारूद और
तन पर ओढ़े रहते हैं झूठा अमन

कैसा हो गया! अपना यह चमन
कैसा हो गया! अपना यह वतन

4 comments:

  1. इन बमों को तो पहचान लेते हैं हम पर,
    उनका क्या, जो दिलों में बारूद और
    तन पर ओढ़े रहते हैं झूठा अमन

    कैसा हो गया! अपना यह चमन
    कैसा हो गया! अपना यह वतन


    बहुत ही अच्छी लाइनें...

    ReplyDelete
  2. कैसा हो गया! अपना यह चमन
    कैसा हो गया! अपना यह वतन


    -सच में!!

    ReplyDelete
  3. आपके आने की बहुत खुशी है मुझे. आपने सही लिखा एक दिन भारत मे भी कई देश होंगे जैसे महारास्ट्र बिहार उत्तरप्रदेश यह बच्चो जैसी बात है पर सच है

    ReplyDelete
  4. ye khuda ham tumse nhi darte
    khup hai tere aadmi se hme...............sir sayad aaj mindro ur masjido mai bhagwan ur khuda se yahi kha jata hai..

    ReplyDelete