उदय केसरी
उसे भारतीय पुलिस व फौज पर विश्वास नहीं. उसे खुद के भारतीय होने पर शर्म आती है. वह इंडियन मुजाहिदीन को भारतीय मीडिया व पुलिस का मनगढंत संगठन मानती है. बाटला हाउस एनकांउटर को वह फर्जी समझती है और इसमें शहीद हुए वरिष्ठ पुलिस अधिकारी एमसी शर्मा की मौत को साजिश मानती है. यही नहीं, वह मुंबई पर आतंकी हमले का जिम्मेदार खुद भारत को मानती है. वह मानती है कि मुंबई पर हमला कश्मीरियों पर भारतीय जुल्म व शोषण का परिणाम है. वह मुंबई आतंकी हमले को गुजरात दंगा, बाबरी ढांचा विध्वंस से भी जोड़कर देखती है.
जाहिर है कि यह दुषित और देशद्रोही राय रखने वाली महिला अरूंधती राय ही है. जिसका जन्म तो भारत में हुआ, पर विचार से वह भारतीय बिल्कुल नहीं है. वैसे सीधीबात पर मैंने एक पूर्व आलेख क्या आप अरूंधती राय को जानते हैं में इस महिला के भारत के प्रति असल चरित्र का उल्लेख किया था. लेकिन इस तथाकथित बौद्धिक महिला ने एक बार फिर भारत के खिलाफ विश्व समुदाय के बीच अपनी उलटी राय दी है, जिसमें उसने मुंबई हमले जैसे हृदयविदारक आतंकी वारदात के लिए खुद भारत को ही जिम्मेदार ठहराया है. यह बेहद निंदापूर्ण और विश्व में भारत की छवि को बिगाड़ने जैसी है. यह महिला एनआईआई है और न्यूयार्क में पिछले दिनों मुंबई पर आतंकी हमले को लेकर हुई एशियाई सोसाइटी की परिचर्चा में उसने इस वारदात को गुजरात दंगा, विवादित बाबरी ढांचा विध्वंस व कश्मीर विवाद का नतीजा करार दिया. हालांकि अरूंधती के इस विचार पर परिचर्चा में शामिल प्रख्यात लेखक मीरा कामदार, सुकेतु मेहता समेत सलमान रश्दी ने कड़ी आलोचना की, लेकिन अरूंधती के नापाक विचारों का भारत में भी व्यापक विरोध होना चाहिए, ताकि इस महिला को राष्ट्रीयता के प्रति नैतिकता का सबक सिखाया जा सके.
इससे पहले इस महिला ने सीएनएन-आईबीएन चैनल को दिये एक साक्षात्कार में बाटला हाउस एनकांउटर में शहीद हुए वरिष्ठ पुलिस अधिकारी एमसी शर्मा की शहादत पर भी सवाल खड़ा किया. उसने कहा कि यह एनकांउटर फर्जी था और इसमें एक साजिश के तहत श्री शर्मा को मारा गया. उसने मांग की कि सुप्रीम कोर्ट के जज के नेतृत्व में इसकी निष्पक्ष जांच होनी चाहिए, क्योंकि उसे भारतीय पुलिस व फौज के चरित्र पर भरोसा नहीं है. वह यह कहती है कि इंडियन मुजाहीदीन नामक आतंकी संगठन भी पुलिस व मीडिया की मिली भगत से गढ़ा गया एक संगठन हो सकता है और इसके हार्ड कोर आतंकी के नाम पर मारे गए लोग बेगुनाह लोग हो सकते हैं.
इस प्रख्यात महिला ने एक साक्षात्कार में यह पूछे जाने पर कि मुंबई पर आतंकी हमले के लिए क्या पाकिस्तान जिम्मेदार है, कहा कि वह अभी ऐसा नहीं मानती. उलटे उसने इस हमले पर यह सीख दे डाली कि भारत इस हमले को आईने के सामने रखकर देखे.
उसे भारतीय पुलिस व फौज पर विश्वास नहीं. उसे खुद के भारतीय होने पर शर्म आती है. वह इंडियन मुजाहिदीन को भारतीय मीडिया व पुलिस का मनगढंत संगठन मानती है. बाटला हाउस एनकांउटर को वह फर्जी समझती है और इसमें शहीद हुए वरिष्ठ पुलिस अधिकारी एमसी शर्मा की मौत को साजिश मानती है. यही नहीं, वह मुंबई पर आतंकी हमले का जिम्मेदार खुद भारत को मानती है. वह मानती है कि मुंबई पर हमला कश्मीरियों पर भारतीय जुल्म व शोषण का परिणाम है. वह मुंबई आतंकी हमले को गुजरात दंगा, बाबरी ढांचा विध्वंस से भी जोड़कर देखती है.
जाहिर है कि यह दुषित और देशद्रोही राय रखने वाली महिला अरूंधती राय ही है. जिसका जन्म तो भारत में हुआ, पर विचार से वह भारतीय बिल्कुल नहीं है. वैसे सीधीबात पर मैंने एक पूर्व आलेख क्या आप अरूंधती राय को जानते हैं में इस महिला के भारत के प्रति असल चरित्र का उल्लेख किया था. लेकिन इस तथाकथित बौद्धिक महिला ने एक बार फिर भारत के खिलाफ विश्व समुदाय के बीच अपनी उलटी राय दी है, जिसमें उसने मुंबई हमले जैसे हृदयविदारक आतंकी वारदात के लिए खुद भारत को ही जिम्मेदार ठहराया है. यह बेहद निंदापूर्ण और विश्व में भारत की छवि को बिगाड़ने जैसी है. यह महिला एनआईआई है और न्यूयार्क में पिछले दिनों मुंबई पर आतंकी हमले को लेकर हुई एशियाई सोसाइटी की परिचर्चा में उसने इस वारदात को गुजरात दंगा, विवादित बाबरी ढांचा विध्वंस व कश्मीर विवाद का नतीजा करार दिया. हालांकि अरूंधती के इस विचार पर परिचर्चा में शामिल प्रख्यात लेखक मीरा कामदार, सुकेतु मेहता समेत सलमान रश्दी ने कड़ी आलोचना की, लेकिन अरूंधती के नापाक विचारों का भारत में भी व्यापक विरोध होना चाहिए, ताकि इस महिला को राष्ट्रीयता के प्रति नैतिकता का सबक सिखाया जा सके.
इससे पहले इस महिला ने सीएनएन-आईबीएन चैनल को दिये एक साक्षात्कार में बाटला हाउस एनकांउटर में शहीद हुए वरिष्ठ पुलिस अधिकारी एमसी शर्मा की शहादत पर भी सवाल खड़ा किया. उसने कहा कि यह एनकांउटर फर्जी था और इसमें एक साजिश के तहत श्री शर्मा को मारा गया. उसने मांग की कि सुप्रीम कोर्ट के जज के नेतृत्व में इसकी निष्पक्ष जांच होनी चाहिए, क्योंकि उसे भारतीय पुलिस व फौज के चरित्र पर भरोसा नहीं है. वह यह कहती है कि इंडियन मुजाहीदीन नामक आतंकी संगठन भी पुलिस व मीडिया की मिली भगत से गढ़ा गया एक संगठन हो सकता है और इसके हार्ड कोर आतंकी के नाम पर मारे गए लोग बेगुनाह लोग हो सकते हैं.
इस प्रख्यात महिला ने एक साक्षात्कार में यह पूछे जाने पर कि मुंबई पर आतंकी हमले के लिए क्या पाकिस्तान जिम्मेदार है, कहा कि वह अभी ऐसा नहीं मानती. उलटे उसने इस हमले पर यह सीख दे डाली कि भारत इस हमले को आईने के सामने रखकर देखे.
शर्म नही आती बन्दूक उठाने की बजाय कलम पकड़े हो.
ReplyDeleteजब अरुंधती राय जैसे लोगो के भाई बहनों को इस्लाम न मानने के लिए चौराहे चौराहे पर गर्दन काट कर मारा जायेगा तब इन्हें पता चलेगा की इस्लामिक आतंकवाद किस चिडिया का नाम है। सारे देश में जिस गति से मस्जिदों का निर्माण हो रहा है, और हर तरफ हरे झंडे दिखाई पड़ने लगे है वो दिन दूर नहीं जब हमें अपने ही देश में अपने ही घरो से खदेड़ दिया जायेगा तब किसको दोष देंगे हम ??? हम जितना समझ रहे है इस्लामिक आतंकवाद उस से भी ज्यादा पास है, अभी भी चेत जाओ वरना बेमौत मारे जायेंगे हिन्दू, जैसे कश्मीर में पंडितो को बाहर निकाल दिया गया वैसे ही हमें भी निकाल दिया जायेगा तब कोई राहुल गांधी या सोनिया गांधी नहीं आएगी आपको बचाने, अपनी लड़ाई हमें खुद ही लड़नी है।
ReplyDeleteसचमुच ये देशद्रोही लोग है...और हमारे ही देश मैं बैठकर सीएन एन जैसे चैनल इन षड्यंत्रकारियों को सहयोग देते हैं
ReplyDeleteइसकी बुद्धि उलट गयी है अतः यह साक्षरा के स्थान पर राक्षसा हो गयी है ....(यह सही को ग़लत और ग़लत को सही समझने लगी है).....!
ReplyDeleteसर नमस्कार, आपने बहुत सही कहा है. मेरे विचार से यह महिला पूरी तरह से विक्षिप्त हो चुकी है...इसके बयानों का व्यापक विरोध होना चाहिए.
ReplyDeleteयह भारत विरोधी मुहिम है, जिसे बर्दाश्त नहीं किया जाना चाहिए. इसके विरोध में हमें एकजुट होना होगा.
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