आप देश और समाज के हर कोने में पनप रही गन्दी
राजनीति से दुखी हैं?
देश और समाज के सांस्कृतिक मूल्य ढ़ह रहे हैं?
देश और समाज के सांस्कृतिक मूल्य ढ़ह रहे हैं?
देश व शहर की मीडिया से आप खुश हैं?
मीडिया पूंजीपतियों का गुलाम बन गया है?
पुलिस और अपराधियों में कोई असमानता नहीं दिखती?
क्रांति और समाज सुधार के अर्थ बदल गए हैं?
भारत का लोकतंत्र भोगतंत्र में तब्दील हो रहा है ?
और भी है अनेक सवाल जो कभी-न -कभी आपके मन में
भी उठते होंगे, पर आप यह सोच कर भूल जाते होंगे
....अकेला चना क्या भाड़ फोड़ेगा?.....
आप ग़लत सोच रहे हैं, एक चने के ठोकर से कम से कम
हलचल जरूर पैदा होगी....और क्या पता यही हलचल
सुनामी का रूप धर ले...
सीधी बात
जहाँ ऐसे ही सुलगते सवालों पर लगेगी आपकी अदालत.
फिर देर किस बात की है-अपनी तस्वीर के साथ
जहाँ ऐसे ही सुलगते सवालों पर लगेगी आपकी अदालत.
फिर देर किस बात की है-अपनी तस्वीर के साथ
हमारे ईमेल पर लिख भेंजे आपके मन की सीधीबात.
जल्द ही आपके विचार इस ब्लॉग पर दिखने लगेंगे.
जल्द ही आपके विचार इस ब्लॉग पर दिखने लगेंगे.
GOOD AND THOUGHT PROVOKING. I LOVE IT.
ReplyDeleteALOK TOMAR