जीवन की नई कड़ी, नया सफर

मीतेन्द्र नागेश
ब्लॉगर बंधुओं व दोस्तों, इस पोस्ट में मुद्दा न राष्ट्रीय है और न अंतरराष्ट्रीय। क्षेत्रीय भी नहीं है और न ही स्थानीय। मुद्दा है व्यक्तिगत। मुद्दा है एक से दो होने का। दो के बाद का मुद्दा अभी प्रासंगिक नहीं है।...आप शायद समझ गए होंगे, लेकिन फिर भी मैं बताना चाहूंगा...

एक स्वतंत्र पत्रकार राजीखुशी से अपनी स्वतंत्रता खोने जा रहा है। वैसे, उसके दिल की चोरी पहले ही हो चुकी थी, पर पिछले 12 दिसंबर को तब इस चोरी का औपचारिक रूप से खुलासा हुआ, जब उसने दिल चुराने वाली को अपनी मर्जी का छल्ला पहना दिया।...इसके बाद यह चोरी, चोरी नहीं रही, बल्कि लाइफलांग डील में परिवर्तित हो गई।

अब इस डील पर अंतिम मुहर लगने की घड़ी नजदीक आ गई है...वह शुभ घड़ी है 27 अप्रैल, जब अपने गांव बरही में दोनों पक्षों की उपस्थिति में धूम-धड़ाके के साथ यह शुभ डील होगी...जिसके सांक्षी होंगे दोनों पक्षों के रिश्‍तेदार, मित्र व परिचित....जिसमें आप भी सादर आमंत्रित हैं।...

अब आपकी सबसे अहम जिज्ञासा दूर करता हूं कि यह स्वतंत्र पत्रकार है सीधीबात के प्रमुख लेखक उदय केसरी और दिल चुराने वाली हैं एक टीचर संगीता केसरी, ये दोनों मूलतः एक ही जगह यानी बरही (हजारीबाग), झारखंड के निवासी हैं।

बहरहाल, कुदरत के संयोग भी निराले होते हैं। इन दोनों को एक ही शहर, एक ही मोहल्ले में भेजा, लेकिन मिलाया इतने सालों बाद...।

यूं तो,
एक बार मिलता है जीवन,
लेकिन इस एक बार के जीवन में,
बार-बार जुड़ती रहती है,
जीवन की नई-नई कड़ियां।
और,
फिर शुरू होता है जीवन का
एक और नया सफर।
-पत्थर नीलगढ़ी

11 comments:

  1. सुभाष चन्द्रApril 14, 2009 at 4:17:00 PM GMT+7

    भाई उदय जी,
    नई कडी की नई शुरआत करने से पहले शुभकामना स्वीकार करें...
    सुभाष चन्द्र
    पत्रकार
    प्रथम इम्पक्ट पत्रिका
    नई डेल्ही
    9871846705

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  2. राजकिशोरApril 14, 2009 at 4:19:00 PM GMT+7

    प्रिय मित्र,
    मेल के लिए धन्यवाद। जल्द ही आपसे संपर्क करूंगा।
    आपका
    रा.

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  3. अपने जैसों की संख्‍या में वृध्दि पर प्रसन्‍नता स्‍वाभाविक ही हे। आप दोनों को अकूत शुभ-कामनाएं।
    'कामायनी' से प्रसादजी की दो पंक्तियां इस समय उपयुक्‍त अनुभव हो रही हैं -

    मानव जीवन वेदी पर,
    परिणय है विरह-मिलन का।
    दुख-सुख दोनों नाचेंगे,
    है खेल आंख का, मन का।।

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  4. नई शुरआत करने की शुभकामना स्वीकार करें...

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  5. Wishing u the rarest of the happiness of life. May the lord bless both of you in all the crossroads of life. Wishing u a Happy Married life.

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  6. उदय केसरी जी और संगीता केसरी जी को बहुत बहुत बधाई और शुभकामनाएं ...

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  7. जीवन की द्वितीय पारी की शुरुवात की हार्दिक शुभकामनाये

    वैदेही दुल्हन बनी,दूल्हा रामसुजान
    ऐसे सुखदाई समय,दे सबको भगवान

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  8. उदय भाई आप दोनो को बहुत आशीर्वाद, हम दोनो की तरफ़ से बहुत शुभकामान्ये, भगवान करे आप की जोडी बहुत सुंदर बने, ओर खुशियो से भरी रहे, ओर हां एक से दो नही बल्कि दो से एक होने जा रहे हो, यानि मै + तुम= हम तो हुये ना दो से एक, चलिये फ़िर से दोनो को बहुत बहुत प्यार.

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  9. रमाशंकर शर्माApril 15, 2009 at 8:40:00 PM GMT+7

    वर व वधु दोनो को सतना पत्रकार जगत की ओर से अनंत शुभकामनाएं. यार न्यौता तो भेज देते. फिर भी हम बिना बुलाए आएंगे. जब बिना बुलाए आएंगे तो फिर अपने पैसे की .... लोग कहते हैं अपने पैसे की ज्यादा लगती है.
    एक बार फिर हमारी ओर से शुभकामनाएं.
    रमाशंकर शर्मा
    नवभारत, सतना
    9827213663

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  10. sir abhi abhi blog dekha to mitendra sir k dwara lika gya farman bhut sunder lga . aapko dero shubhkamnaye

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  11. आपको नहीं लगता की ये बात कुछ देर से आपने बताया सबको ?????????//..
    -आपका भतीजा ....

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