ये क्या हो रहा है देश में?
उदय केसरी
ये क्या हो रहा है देश में? नैतिकता और कर्तव्यों का गला घोंट का भ्रष्टाचार और लूट; सरकारी संवेदनहीनता की पराकाष्ठा रूपी खंजर से जन आंदोलनों की हत्याएं; महंगाई की मार से कराहती जनता को मोबाइल देने की योजना-क्या इसे ही लोकतंत्र कहते हैं? वह भी दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र। शायद नहीं, बल्कि यह परोक्ष अराजकता है।
ये क्या हो रहा है देश में? नैतिकता और कर्तव्यों का गला घोंट का भ्रष्टाचार और लूट; सरकारी संवेदनहीनता की पराकाष्ठा रूपी खंजर से जन आंदोलनों की हत्याएं; महंगाई की मार से कराहती जनता को मोबाइल देने की योजना-क्या इसे ही लोकतंत्र कहते हैं? वह भी दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र। शायद नहीं, बल्कि यह परोक्ष अराजकता है।
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