उदय केसरी
देश की राजनीति में देश कहीं पीछे छूटता जा रहा है। यह कोई नई बात नहीं है,
लेकिन जनता को बार-बार इसे याद कराना भी जरूरी है, क्योंकि जनता से जुड़े
मुद्दे अब सियासत के गलियारों में सत्ता और अहम के मुद्दों के आगे दम तोड़ने
लगे हैं। देश के नाम पर और जनता के वास्ते अनेक राजनीतिक दल मौजूद हैं,
लेकिन गौर करें तो लगभग पार्टियां पाइवेट लिमिटेड कंपनी जैसी या ऐसी
कंपनियों के लिए हो चुकी हैं।